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सुनील शेट्टी के डायलॉग्स - Sunil Shetty All Dialogues in Hindi

Sunil Shetty Dialogues

सुनील शेट्टी डायलॉग्स - Sunil Shetty Dialogues Hindi

मैं तुम्हे भूल जाऊ ये हो नहीं सकता और तुम मुझे भूल जाओ ये मैं होने नहीं दूंगा
इस जनम तो क्या, वो सात जन्मों तक जीत नहीं सकता
मेरी किस्मत मुझपे क्या रोयेगी, तुम्हारी मोहब्बत जो मेरे साथ है
क्यों मैं जीत के भी हार गया और वो हार कर भी जीत गया?
कोई भी मज़ाक करलो, लेकिन अपने से बिछड़ने की बात मज़ाक में भी मत करना
कौन साला मरता है और अगर मर भी गया मेमसाब तो हमेशा के लिए धड़कूंगा सीने में, तुम्हारी धड़कन बनकर
बहुत वक़्त बाद, ये वक़्त आया है
धड़कन (2000)
अन्ना तुम लोगो को गन्ने की तरह छिल छिलकर छोटा कर डालेगा, समझा ना?
आवारा पागल दीवाना (2002)
बड़े बड़े देखे है, लेकिन आपसे बड़ा नहीं
तक़दीर वो छिनाल है, जो मेरे साथ नहीं सोती
कांटे (2002)
हम तो किसी दुसरे की धरती पर नज़र भी नहीं डालते, लेकिन इतने नालायक बच्चे भी नहीं है, की कोई हमारी धरती माँ पर नज़र डाले और हम चुप चाप देखते रहे
तुम्हारे हाथों में वो रेखाएं है, जो मेरे हाथों में नहीं है, तुम्हारे माथे पे वो लकीरें है, जो मेरे माथे पर नहीं है
मेरी ज़ुबान से, मेरे हाथ ज़्यादा अच्छे बोलते है
शायद तुम नहीं जानते, ये धरती शेर भी पैदा करती है
मोहब्बत और पागलपन का बहुत पुराना रिश्ता है
खिलौनों से खेलते खेलते, बच्चे जवान हो जाते है
बॉर्डर (1997)
बिज़नस में ऊँचाई कमीनेपन से नहीं, कमिटमेंट पूरा करने से मिलती है
हवा में मीठी सी ठंडक है और चाँद की रौशनी में अजीब सी खुशबू
अच्छे दोस्त तो खुशियां बाँट कर और भी खुश होते है
तुम ज़रा मुँह काम खोलो और दिमाग ज़्यादा खुला रखो
खेल (2003)
एक सच्चे देश भक्त को हम फ़ौज से निकल सकते है, लेकिन उसके दिल से देश भक्ति नहीं
जय हो (2014)
आपके एक शौंक की कीमत, हमारी कई छतों की कीमत है
लकीर (2004)
शहर का सबसे बड़ा गुंडा, दुसरे गुंडे को ज़मानत पर ले जाने आया है
मेरे गुनाह मत गिना, सजा दे, चला गोली
क़हर (1997)
हम हिंदुस्तानी पुलिसवाले जहन्नुम तक उस शक्श का पीछा नहीं छोड़ते, जो इस वर्दी की बेइज़्ज़ती करता है
ये देश सिर्फ दो ही लोगों पे हँसता है, हिजड़ो पर और हम पुलिसवालों पर, क्योंकि ना ही वो कुछ कर सकते है और ना ही हम कुछ कर सकते है
मैं बाहर धमकी देकर आया हूँ की जो आदमी पहले अंदर आएगा, मैं उसकी टाँगे तोड़ दूंगा
दिलवाले तो बहुत देखे, लेकिन प्यार में जो पागल हो जाये, ऐसे दिलवाले को आज पहली बार देखा
प्यार तो उसने किया, हमने तो बस दिल्लगी की
दिलवाले (1994)
प्यार धन, दौलत, खानदान नहीं, सिर्फ दिल देखता है
वक़्त हमारा है (1993)
जवानी के दिन, कमाल के होते है
मैं हूँ ना (2004)
खुदाई भी झुकती है मेरे यार के सामने, कोई टिक नहीं सकता मेरे प्यार के सामने
तेरी आँखें है झील, झरनों का है तुझ में जादू, बस एक नज़र देखकर तुझको, मेरा दिल होता है बेकाबू
एक रिश्ता (2001)
जब हम ऑफर करते है, तो कोई हमें इनकार भी नहीं करता
हमारे धंदे में माफ़ी नहीं चलती, सिर्फ लक चलती है
सपूत (1996)
कॉन्ट्रैक्ट कागज़ का होता है या फिर दिल का, पर कॉन्ट्रैक्ट, कॉन्ट्रैक्ट होता है
प्यार, इश्क़ और मोहब्बत (2001)
भले ज़िन्दगी में मुझे कोई मेडल न मिले, मगर मैं इस मेडल लगने वाले वर्दी पर, एक मेडल जितना छोटा दाग़ भी लगने नहीं दूंगा
सांप को बिल में डालने वाला, उसका ज़हर भी उतारना जानता है
जुर्म ही उसका पेशा है और दौलत उसका धर्म
आपकी कलाई का नाप ले रहा था, हथकड़ी का आर्डर देने के लिए
ज़रूरी नहीं है की जेल में रहने वाला हर इंसान, मुजरिम होता है
गोपी किशन (1994)
क्यों गांधीजी के देश में हिंसा करवाता है?
एक ही तो मुल्क है, जहां हिंदुस्तान से गए हुए हर आतंकवादी को कहा जाता है, खुशामदीद, खुशामदीद
वक़्त ही वैशी बनाता है, वक़्त ही इंसान
पुलिस की मार की बात ही है निराली, गूंगा भी गाये कवाली
ना हिन्दुओ से है, ना मुसलमानो से है, इस मुल्क में तकलीफ बेईमानो से है
क़यामत (2003)
शायद आज तक ऐसा कोई मिला नहीं, किसे मैं अपने ज़ख़्म दिखा सकू
मुजरिम माँ के पेट से जनम नहीं लेता, उसे जनम देता है तुम्हारा कानून, तुम्हारी पुलिस
नाजायज काम करना मेरी आदत नहीं
मोहरा (1994)
फ़ौजी का एक हाथ पड़ा ना, तो 6 फुट का आदमी डेढ़ फुट का होकर रह जाता है
इंसान इतना घटिया जानवर है, कि वक़्त पड़ने पर खुद की ज़ात से भी इनकार करदे
मोहब्बत करने वाले, कभी मोहब्बत के दुश्मन नहीं होते
शादी के बगैर मोहब्बत गुनाह है
तुमने मुझे ज़िन्दगी के वो हसीन ख्वाब क्यों दिखाये, जिसके टूटने पर मेरे अंदर का इंसान ही टूट गया
रेफ्यूजी (2000)
नफरत की इस दुनिया में मोहब्बत शायद सबसे बड़ा जुर्म है
भयानक सपनो को भूल जाना, अच्छी बात नहीं
सीधे घर जाओगे या, अस्पताल होकर जाओगे
मर्द की ज़िल्लत औरत के बलात्कार से ज़्यादा शर्मनाक होती है
दिमाग ख़र्च करने से, दिमाग काम नहीं होता
दर्द इतना मीठा भी हो सकता है, ये आज पता चला
हालात इंसान को शैतान बना देता है, मगर देवता नहीं
तुम अगर साथ हो तो किसी चीज़ से डर नहीं लगता, डरता हूँ तो सिर्फ तुम्हे खोने से
टक्कर (1995)
तू तो कानून का वो पिल्ला है जो बोटियां देख के तलवे चाटता है
विश्वासघात (1996)
एक दुश्मन को दुसरे दुश्मन से लड़ा देना चाहिए, नुकसान चाहे किसी का भी हो, फायदा हमेशा हमारा होता है
पहचान (1993)

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