मैं तुम्हे भूल जाऊ ये हो नहीं सकता और तुम मुझे भूल जाओ ये मैं होने नहीं दूंगा
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इस जनम तो क्या, वो सात जन्मों तक जीत नहीं सकता |
मेरी किस्मत मुझपे क्या रोयेगी, तुम्हारी मोहब्बत जो मेरे साथ है |
क्यों मैं जीत के भी हार गया और वो हार कर भी जीत गया? |
कोई भी मज़ाक करलो, लेकिन अपने से बिछड़ने की बात मज़ाक में भी मत करना |
कौन साला मरता है और अगर मर भी गया मेमसाब तो हमेशा के लिए धड़कूंगा सीने में, तुम्हारी धड़कन बनकर |
बहुत वक़्त बाद, ये वक़्त आया है |
धड़कन (2000) |
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अन्ना तुम लोगो को गन्ने की तरह छिल छिलकर छोटा कर डालेगा, समझा ना? |
आवारा पागल दीवाना (2002) |
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बड़े बड़े देखे है, लेकिन आपसे बड़ा नहीं |
तक़दीर वो छिनाल है, जो मेरे साथ नहीं सोती |
कांटे (2002) |
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हम तो किसी दुसरे की धरती पर नज़र भी नहीं डालते, लेकिन इतने नालायक बच्चे भी नहीं है, की कोई हमारी धरती माँ पर नज़र डाले और हम चुप चाप देखते रहे |
तुम्हारे हाथों में वो रेखाएं है, जो मेरे हाथों में नहीं है, तुम्हारे माथे पे वो लकीरें है, जो मेरे माथे पर नहीं है |
मेरी ज़ुबान से, मेरे हाथ ज़्यादा अच्छे बोलते है |
शायद तुम नहीं जानते, ये धरती शेर भी पैदा करती है |
मोहब्बत और पागलपन का बहुत पुराना रिश्ता है |
खिलौनों से खेलते खेलते, बच्चे जवान हो जाते है |
बॉर्डर (1997) |
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बिज़नस में ऊँचाई कमीनेपन से नहीं, कमिटमेंट पूरा करने से मिलती है |
हवा में मीठी सी ठंडक है और चाँद की रौशनी में अजीब सी खुशबू |
अच्छे दोस्त तो खुशियां बाँट कर और भी खुश होते है |
तुम ज़रा मुँह काम खोलो और दिमाग ज़्यादा खुला रखो |
खेल (2003) |
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एक सच्चे देश भक्त को हम फ़ौज से निकल सकते है, लेकिन उसके दिल से देश भक्ति नहीं |
जय हो (2014) |
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आपके एक शौंक की कीमत, हमारी कई छतों की कीमत है |
लकीर (2004) |
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शहर का सबसे बड़ा गुंडा, दुसरे गुंडे को ज़मानत पर ले जाने आया है |
मेरे गुनाह मत गिना, सजा दे, चला गोली |
क़हर (1997) |
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हम हिंदुस्तानी पुलिसवाले जहन्नुम तक उस शक्श का पीछा नहीं छोड़ते, जो इस वर्दी की बेइज़्ज़ती करता है |
ये देश सिर्फ दो ही लोगों पे हँसता है, हिजड़ो पर और हम पुलिसवालों पर, क्योंकि ना ही वो कुछ कर सकते है और ना ही हम कुछ कर सकते है |
मैं बाहर धमकी देकर आया हूँ की जो आदमी पहले अंदर आएगा, मैं उसकी टाँगे तोड़ दूंगा |
दिलवाले तो बहुत देखे, लेकिन प्यार में जो पागल हो जाये, ऐसे दिलवाले को आज पहली बार देखा |
प्यार तो उसने किया, हमने तो बस दिल्लगी की |
दिलवाले (1994) |
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प्यार धन, दौलत, खानदान नहीं, सिर्फ दिल देखता है |
वक़्त हमारा है (1993) |
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जवानी के दिन, कमाल के होते है |
मैं हूँ ना (2004) |
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खुदाई भी झुकती है मेरे यार के सामने, कोई टिक नहीं सकता मेरे प्यार के सामने |
तेरी आँखें है झील, झरनों का है तुझ में जादू, बस एक नज़र देखकर तुझको, मेरा दिल होता है बेकाबू |
एक रिश्ता (2001) |
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जब हम ऑफर करते है, तो कोई हमें इनकार भी नहीं करता |
हमारे धंदे में माफ़ी नहीं चलती, सिर्फ लक चलती है |
सपूत (1996) |
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कॉन्ट्रैक्ट कागज़ का होता है या फिर दिल का, पर कॉन्ट्रैक्ट, कॉन्ट्रैक्ट होता है |
प्यार, इश्क़ और मोहब्बत (2001) |
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भले ज़िन्दगी में मुझे कोई मेडल न मिले, मगर मैं इस मेडल लगने वाले वर्दी पर, एक मेडल जितना छोटा दाग़ भी लगने नहीं दूंगा |
सांप को बिल में डालने वाला, उसका ज़हर भी उतारना जानता है |
जुर्म ही उसका पेशा है और दौलत उसका धर्म |
आपकी कलाई का नाप ले रहा था, हथकड़ी का आर्डर देने के लिए |
ज़रूरी नहीं है की जेल में रहने वाला हर इंसान, मुजरिम होता है |
गोपी किशन (1994) |
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क्यों गांधीजी के देश में हिंसा करवाता है? |
एक ही तो मुल्क है, जहां हिंदुस्तान से गए हुए हर आतंकवादी को कहा जाता है, खुशामदीद, खुशामदीद |
वक़्त ही वैशी बनाता है, वक़्त ही इंसान |
पुलिस की मार की बात ही है निराली, गूंगा भी गाये कवाली |
ना हिन्दुओ से है, ना मुसलमानो से है, इस मुल्क में तकलीफ बेईमानो से है |
क़यामत (2003) |
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शायद आज तक ऐसा कोई मिला नहीं, किसे मैं अपने ज़ख़्म दिखा सकू |
मुजरिम माँ के पेट से जनम नहीं लेता, उसे जनम देता है तुम्हारा कानून, तुम्हारी पुलिस |
नाजायज काम करना मेरी आदत नहीं |
मोहरा (1994) |
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फ़ौजी का एक हाथ पड़ा ना, तो 6 फुट का आदमी डेढ़ फुट का होकर रह जाता है |
इंसान इतना घटिया जानवर है, कि वक़्त पड़ने पर खुद की ज़ात से भी इनकार करदे |
मोहब्बत करने वाले, कभी मोहब्बत के दुश्मन नहीं होते |
शादी के बगैर मोहब्बत गुनाह है |
तुमने मुझे ज़िन्दगी के वो हसीन ख्वाब क्यों दिखाये, जिसके टूटने पर मेरे अंदर का इंसान ही टूट गया |
रेफ्यूजी (2000) |
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नफरत की इस दुनिया में मोहब्बत शायद सबसे बड़ा जुर्म है |
भयानक सपनो को भूल जाना, अच्छी बात नहीं |
सीधे घर जाओगे या, अस्पताल होकर जाओगे |
मर्द की ज़िल्लत औरत के बलात्कार से ज़्यादा शर्मनाक होती है |
दिमाग ख़र्च करने से, दिमाग काम नहीं होता |
दर्द इतना मीठा भी हो सकता है, ये आज पता चला |
हालात इंसान को शैतान बना देता है, मगर देवता नहीं |
तुम अगर साथ हो तो किसी चीज़ से डर नहीं लगता, डरता हूँ तो सिर्फ तुम्हे खोने से |
टक्कर (1995) |
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तू तो कानून का वो पिल्ला है जो बोटियां देख के तलवे चाटता है |
विश्वासघात (1996) |
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एक दुश्मन को दुसरे दुश्मन से लड़ा देना चाहिए, नुकसान चाहे किसी का भी हो, फायदा हमेशा हमारा होता है |
पहचान (1993) |
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