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संजय दत्त के डायलॉग्स - Sanjay Dutt All Dialogues in Hindi
मुंबई पे राज करता हूँ, राज
असली है असली, पचास तोला, पचास तोला, कितना, पचास तोला
तेरे करम ही नहीं रे, तेरी साली पूरी आत्मा सड़ेली है सड़ेली
वास्तव (1999)
बचपन की पैंट जवानी में फिट नहीं होती और हर नो बॉल पे फ्री हिट नहीं होती
कुड़ी दा पतला लक ते मुंडे दा गुड लक, दोनों लक की बात होती है
जो भीड़ में शिकार करे वो शेर नहीं ठग होता है और अगर दुश्मन तगड़ा हो, तो उसे मारने का मज़ा ही अलग होता है
सन ऑफ़ सरदार (2012)
एक गोली डाली, पांच खाली, सर पे तानी, खोपड़ी खाली
ज़िन्दगी में लक भी सिर्फ उसका साथ देता है, जिस में जीतने का जज़्बा हो
लक जितना घिसता है, उसकी धार उतनी ही तेज़ होती है
जान देने से लकीरें मिट जाती है और ज़िंदा रहने से शायद लकीरें बदल सकती है
लक (2009)
बड़ी मुद्दत से मेरे दिल में एक तस्वीर बहती है, तेरी ज़ुल्फ़ों के छाँव में मेरी तक़दीर बहती है
साजन (1991)
तक़दीर तेरी छुट्टी पे है, मौत तेरे सर पे है, लेकिन बातें ऐसे करता है, जैसे ज़िन्दगी तेरे बिस्तर पे है
मुसाफिर (2004)
ज़िन्दगी जीने का मज़ा तब आता है, जब मौत की उँगलियाँ थामकर भागा जाये
आतिश (1994)
गलत तरीके से सही काम मुझे करना आता है
पुलिसगिरी (2013)
येरे येरे पौसा, तुला देतो पैसा, पैसा साला खोटा, पौस आला मोठा
तुम क्या लेके आये थे और क्या लेके जाओगे