Nana Patekar All Dialogues in Hindi / Vishwanath "Nana" Patekar is an Indian actor, writer and filmmaker, mainly working in Hindi and Marathi films. He won a National Film Award for Best Supporting Actor and a Filmfare Award for Best Supporting Actor for his role in Parinda (1989). He then won the Filmfare Best Villain Award for his role on Angaar (1992). He is sometimes regarded as the Morgan Freeman of Bollywood. In 1995, he won the National Film Award for Best Actor as well as the Filmfare and the Screen awards for Best Actor for his role in Krantiveer (1994). He also won his second Filmfare Best Villain Award for his role in Apaharan (2005).
नाना पाटेकर के डायलॉग्स - Nana Patekar All Dialogues in Hindi
आ गए मेरी मौत का तमाशा देखने |
कुत्ते की तरह जीने की आदत पड़ी है सबको |
हम भले ही ऊपर वाले को अलग अलग नाम से पुकारते है, लेकिन हमारा धर्म एक है मज़हब एक है.....इंसानियत |
क्रान्तिवीर (1994) |
---|
अपना तो उसूल है.....पहले लात, फिर बात, उसके बाद मुलाक़ात |
मराठा मरता है या मारता है |
तिरंगा (1992) |
एक मच्छर साला आदमी को हिजड़ा बना देता है |
गिरो सालो गिरो, लेकिन गिरो तो उस झरने की तरह जो पर्वत की ऊँचाई से गिरके भी अपनी सुंदरता खोने नहीं देता, ज़मीन के तह से मिलके अपनी अस्तित्व को नर्थ नहीं होने देता |
यशवंत (1997) |
ये शरीफ लोग बहुत बदमाश होते है, शराफत की जुबान नहीं समझते है |
वेलकम (2007) |
उसने रुलाया है, वही हँसाएगा |
ग़ुलाम-ए-मुस्तफा (1997) |
अच्छा है, बहुत अच्छा है |
Super dilouge
ReplyDelete