अमरीश पूरी के डायलॉग्स - Amrish Puri All Dialogues in Hindi
Umesh Joshi
October 22, 2016
अमरीश पूरी के डायलॉग्स - Amrish Puri All Dialogues in Hindi
जा सिमरन, जा जीले अपनी ज़िन्दगी, जा बेटा जा |
दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे (1995)
मोगैम्बो खुश हुआ |
मिस्टर इंडिया (1987)
जो ज़िन्दगी मुझसे टकराती है, वो सिसक सिसककर दम तोड़ती है |
घायल (1990)
ऐसी नस दबाऊंगा की चीख़ निकल जाएगी |
दामिनी (1993)
डाँग कभी रॉंग नहीं होता |
तहलका (1992)
बलराज अपने दुश्मन को उस वक़्त तक नहीं भूलता, जब तक उसे शमशान तक नहीं पंहुचा देता |
ज़ुल्मी (1999)
शेर के खर्राटे भौंकते हुए कुत्ते से ज़्यादा खतरनाक होते है |
हक़ीक़त (1995)
इंसान कितनी भी जल्दी करे, पहुँचता तभी है जब उसे पहुंचना होता है और पहुँचता वही है जहां उसे पहुंचना होता है |
इतिहास (1997)
आज की दुनिया में ईमानदारी वो खोटा सिक्का है जो बाज़ार में कहीं नहीं चलता |
ढाल (1997)
एक बाप दस बच्चे पैदा कर सकता है, लेकिन दस बच्चे मिलकर एक बाप नहीं बना सकते |
मुक़द्दर का बादशाह (1990)
जिसे मैं इंसान का बच्चा समझकर बीस साल तक पालता रहा, वो आस्तीन का सांप निकला |
फूल और काँटे (1991)