माधुरी दीक्षित के डायलॉग्स - Madhuri Dixit All Dialogues in Hindi
Umesh JoshiMarch 27, 20220
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माधुरी दीक्षित के डायलॉग्स - Madhuri Dixit All Dialogues in Hindi
मैं उसे बहुत प्यार करती हूँ...एक दिन के लिए नहीं...एक पल के लिए नहीं...ज़िन्दगी भर के लिए
कहीं ना कहीं, कोई ना कोई बनाया गया है...और कभी ना कभी मैं उससे जरूर मिलूंगी
दिल तो पागल है
प्यार का कारोबार तो बहुत बार किया है...मगर प्यार सिर्फ एक बार
यूँ नज़र की बात की और दिल चुरा गए....हम तो समझे थे बड, आप तो धड़कन सुना गए
हर दुःख आने वाले सुख की चिट्टी होती है...और हर नुकसान होने वाले फायदे का इशारा
तवाइफ़ों की तो तक़दीर ही नहीं होती
देवदास (2002)
क्यों...हम आपके हैं कौन?
हम आपके हैं कौन
यह इश्क़ नहीं आसान, इतना ही समझ लीजिये...एक आग का दरिया है, और डूब कर जाना है
100 डेज
जैसे तिल में तेल है, ज्यों चकमक में आग...तेरा साई तुझ में है, जाग सके तो जाग
डंडा सबका पीर होता है...रोड इज गॉड
नीचे वाली जब लेती है ना...तो पतलून फाड़ के लेती है
जुर्म जुर्म होता है...और इन्साफ इंसाफ होता है
संगठन की शक्ति है...और अकेले में आपकी फटती है
ढूंढे अँखियाँ, ढूंढे दरिया, ढूंढें सारा गांव, सबसे पहले देख रे मूर्ख, का पढ़े हो तेरो पांव
गुलाब गैंग
हुस्न का मज़ाक ना उड़ा, कही हुस्न के हाथों तेरा मज़ाक ना बन जाए....मनचला है, खूबसूरत है, मगर लड़का है तू....तुझे लड़कों और मर्दों में फर्क कौन समँझाये
ये जवानी है दीवानी
मोहब्बत उससे करते है जो आप पर इज़्जत कर सके...आपसे आपके मोहब्बत से ज़्यादा मोहब्बत कर सके
नाजायज़ मोहब्बत का अंजाम अक्सर तबाही होता है
कलंक
इतना बड़ा झूठ मत बोल...की झूठ भी शर्मिंदा हो जाये
औरत मरयम बनकर ज़िन्दगी दे सकती है..तो चंडी बनकर ज़िन्दगी ले भी सकती है
तेरी मौत ही मेरे ज़ख्मों का इलाज है
ये सिर्फ एक सफ़ेद साडी नहीं....एक विधवा का गहना है
एक औरत अपने सीने में अगर दया ममता का अगर रखती है..तो नफरत की ऐसी रखती है...जिसकी छोटी सी चिंगारी किसी को भी जलाकर रख कर सकती है
संसार ने औरत को माँ के रूप में देखा है, बहन के रूप में देखा है, बेटी के रूप में देखा है...मगर चंडी के रूप में नहीं देखा
तुम्हारे लिए सिन्दूर की कीमत चाहे कुछ भी ना हो...मगर ये एक सुहागन के लिए अनमोल है
औरत की सहन-शक्ति धरती की तरह होती है...जो हर ज़ुल्म सेह लेती है, मगर जब उसके क्रोध का ज्वालामुखी फटता है..तो वो सबको तबाह कर देती है
अन्जाम
सच्चा दोस्त तो वो होता है...जो दोस्त की गलती को अपनी गलती समझकर माफ़ करदे
अरे ठहरो ठहरो ठहरो, ज़रा थम तो जाओ...काहे की है ये धूम धाम, ज़रा मुझे तो बताओ
बेटी का ससुराल ही है उसका संसार....रस्मो रिवाज़ निभाती रहूंगी, अब तो जाने दीजिये, आती रहूंगी
ये रास्ते है प्यार के
हम साथ जी नहीं सके तो क्या हुआ..साथ मर तो सकते है
दिल
रोटी कमाने के लिए औरत घर से निकली नहीं....की तन्खाह देने वाला हर आदमी उसे अपने बाप का माल समझता है
लज्जा
ये रोज़ सुबह जल्दी उठते है मुर्गे की तरह...फिर आधा अधुरा खाते है कौवे की तरह..फिर ब्रेकफास्ट करते है बन्दर तरह...फिर ऑफिस को दौड़ते है घोड़े की तरह...फिर काम करते है गधे की तरह....फिर घर आकर दारू पीते है मछली की तरह...फिर मुझपे भौकते है कुत्ते की तरह...फिर खाना खाते है मगरमच्छ की तरह और उसके बाद टांगे फैला जाते है भैंसो तरह...देखो कैसे घूर रहे है उल्लू की तरह
टोटल धमाल
इस ज़मीन के चीज़ नहीं, तू जाने कहाँ से आयी है...तू इस चमन का फूल नहीं, तू किस गुलिस्तां से आयी है
आइन्दा जब भी कोई मर्द किसी औरत इज़्जत पर हाथ डालें, तो वो याद रखे की वो अपनी मर्दानगी नहीं दिखा रहा, बल्कि आत्महत्या कर रहा है...क्यों की आज के बाद ज़िन्दगी में जब कभी, जहाँ कहीं लड़की उस मर्द को देखेगी...तो उसे ये हक़ होगा की वो उस कमीने को जान से मार डाले
प्रेम ग्रन्थ
कोई शायर, कोई पागल, कोई बेपीर बन जाये...तेरी तस्वीर जो देखे वो खुद तस्वीर बन जाये
खतरों के खिलाडी
वाह, क्या सास हो तुम...अभी तक बहु के हाथ की मेहंदी नहीं छूटी और तुमने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया
ए बुड्ढे ... पेट में आँत नहीं है, मूंह मैं दांत है...चुम्मा लेगा?
तू मेरा दूल्हा तो क्या...किसी का दलाल बनने भी नहीं है
मैंने भी तुम लोगों का तेल नहीं निकाल दिया...तो मैं भी अपने बाप की बेटी नहीं
बेटा
काम समझ कर करोगी तो मुश्किल है...प्यार समझ कर करोगी तो कुछ भी नहीं
कलाकार बनने की चाह को बाहर अगर है लाना...तो शीशे को थोड़ी तकलीफ दीजिये और दिल को एक बहाना
स्टाइल भी तो कोई चीज़ होती है
शकल देखि है आईने में....अमावस के चाँद पर मैग्गी नूडल्स लटकाये हुए है...चुड़ैल कहींकी
आजा नचले
हमारी इस दुनिया में ज़िन्दगी थमी सी रहती है...कभी आइयेगा भूत बनके बैठेंगे
डेढ़ इश्किया
ये बंग्ला, ये जायदाद सब कुछ छीना जा सकता है..पास रहता है तो सिर्फ अपना वजूद
वजूद
मैं समझती थी की शादी दो इंसानो में होती है...लेकिन तुम्हारे पिताजी से पता चला की शादी एक इंसान की दुसरे इंसान के साथ नहीं...एक बैंक बैलेंस की दुसरे बैंक बैलेंस के साथ, एक हैसियत की दुसरे हैसियत साथ, एक रुतबे की दूसरे रुतबे के साथ होती है
प्रेम दीवाने
बीवी को अच्छा खाना पकाना और अच्छा गाना तो जरूर आना चाहिए
प्रेम प्रतिज्ञा
दूसरों की करना ही भगवन की पूजा करना है
सैलाब
आप हमारे पति है.... परमेश्वर बनने का भूल मत कीजिये
अन्याय कभी करना मत...और उसके सामने झुकना भी मत
मृत्युदण्ड
वो मेरे पास होता है ....जब कोई दूसरा नहीं होता
ये क्यों, क्या, कहाँ के उलझन में क्यों पड़े...बस ये क्या कम है की हम सब है और साथ है
गजा जमीनी
मैं तो फिल्म भी देखकर पसंद करती हूँ, स्टोरी सुनकर नहीं ... उसी तरह लड़का भी देखकर पसंद या नापसंद करूंगी