
ऐश्वर्या राय के डायलॉग्स - Aishwarya Rai All Dialogues in Hindi
आप लोगों को बस पीठ पर वार करना आता है, पर हम हिन्दुस्तानियों ने कभी पीठ दिखाना सीखा ही नहीं है
मशाल एक हो या एक लाख, सिर्फ एक चिंगारी की ज़रुरत है उसे जलाने के लिए
बेगुनाह को सजा देना, बेगुनाह को मौत देना, पूरी इंसानियत को मौत देना है
ना कर बंदेया मेरी तेरी, चर दिना दा फेर है दुनिया, फिर तू भी मिट्टी, मैं भी मिट्टी
सरबजीत (2016)
मोहब्बत बहुत खूबसूरत होती है, तो क्या हुआ अगर वो अपने साथ थोड़ा सा दर्द लाती है
मोहब्बतें (2000)
तवाइफ़ों की तक़दीर में शौहर नहीं होते
देवदास (2002)
किसी भी इंसान का दिल जीतने के लिए, उसके मन में झांकना पड़ता है, उसकी छोटी छोटी खुशियाँ, छोटी पीड़ाएं, विश्वास और धड़कनों से जुड़ना पड़ता है
हर प्रेम की बुनियाद विश्वास है
जोधा अकबर (2008)
समीर हवा का झोका
कभी कभी इन्सान कुछ नहीं कहकर भी, सब कुछ कह देता है
क़ुबानी ही सच्चे प्यार का आधार है
हम दिल दे चुके सनम (1999)
पैसा वही लगाया जाता है, जहां से फायदा मिले
सरकार राज (2008)
दिल ने आप को भी सार्ड दिया है, दिल ने हमें भी बहुत दर्द दिया है, क्यों ना मिलकर आज इस दिल को थोड़ा दर्द दिया जाये
बंटी और बबली (2005)
रिश्ते बनते है, खत्म नहीं होते
जब दिल से दिल की राह मिलती है, तो एक दुसरे की पसंद नापसन्द सब पता चलता है
बिज़नेस करने के लिए तुम्हारे पास सारी दुनिया पड़ी है, फिर तुम मेरी छोटी सी दुनिया को अपना बिज़नेस क्यों बनाना चाहते हो
दिल का रिश्ता (2003)
हर चीज़ की कीमत होती है, पता सिर्फ ये करना होता है की किसे और कैसे खरीदना है
एक मर्द पिता बनता है बच्चे के पैदा होने के बाद, मगर एक औरत तभी माँ बनती है जब बच्चा उसके गर्भ में आता है
जज़्बा (2015)
Are you like checking me out?
परछाई बोलती कहाँ है, सिर्फ चलती है चुपचाप
धूम 2 (2006)
होगा, ना जाने कैसा होगा, कहीं ना कहीं, कोई ना कोई, उपरवाले ने मेरी किस्मत में भी लिखा होगा
ढाई अक्षर प्रेम के (2000)
प्यार को वक़्त की नहीं, एक लम्हे की ज़रुरत होती है
क्यूँ हो गया ना (2004)
सौ अंधेरों में भी रोशन हो, उस हकीकत की तलाश है,
तेरी दहलीज़ पे छोड़ आये, उस मोहब्बत की तलाश है,
झुकने की इबादत की तो समझे जहां वालो, कटने पे जो हासिल हो उस जन्नत की तलाश है
कुछ ज़ख्मों के क़र्ज़ लफ़्ज़ों से अदा नहीं होते
हर शायरा को शादी कर लेनी चाहिए, शौहर अच्छा मिले तो ज़िन्दगी काट जाती है, ना मिले तो शायरी अच्छी हो जाती है
रिश्तों की गीली ज़मीन पर लोग अक्सर फिसल जाते है
मुझे समझाने की कोशिश मत करना, क्यों की अगर समझाओगे तो समझ जाऊँगी, अगर समझ गई तो बिखर जाऊँगी
मैं किसी की ज़रुरत नहीं, ख्वाइश बनना चाहती हूँ
कम्बख्त ख्यालों ने ही तो ज़िंदा रखा है, वरना सवालों ने कब का मार दिया होता
खूबसूरती तो ढल जाती है, पर्सनालिटी तो मौत के बाद भी ज़िंदा रह जाती है