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आदित्य पांचोली के डायलॉग्स - Aditya Pancholi All Dialogues in Hindi

Aditya Pancholi Dialogues

आदित्य पांचोली के डायलॉग्स - Aditya Pancholi All Dialogues in Hindi

पुत्र अगर पिता की पगड़ी पहन ले तो उसमें पिता की बुद्धि तो नहीं आ जाती, चन्दन के वृक्ष को भी सुगंध देने के लिए एक उम्र की आवश्यकता होती है
बाजीराव मस्तानी (2015)
बेईमानी पे प्रमोशन और ईमानदारी पे सस्पेंशन?
अब तेरे पास सिर्फ दो ही ऑप्शन है, अंदर जेल में सड़, या खुदा का घर
ढिश्कियाऊं (2014)
इश्क़ ने बहुत लोगों को निकम्मा बना दिया है ये तो सुना था, मगर तुझे तो गद्दार बना दिया
हीरो (2015)
ज़िन्दगी में अगर तरक्की करनी है तो नो एन्ट्री और सिग्नल के बाद खड़े रहना सीखो, पहले खड़े रहोगे तो सिर्फ हाथ मलते रहोगे
जय हो (2014)
सेक्स और चॉकलेट दोनों एक ही टाइप का मज़ा देते है, फर्क सिर्फ इतना है, एक मैं रेपर निकलना पड़ता है और दूसरे में आज कल चढ़ाना पड़ता है
टाइगर ना बिल्लो से डरता है और ना बिल्लो के पिल्लो से
जिस दिन मेरी हट गयी ना, तू ज़रूर हट जायेगा
मुसाफिर (2004)
मैंने अपनी ज़िन्दगी की शुरुवात जीरो से की, उसी जीरो को मैं अपने बैंक अकाउंट में एड करता गया
दुनिया को दिखाता हूँ, की देखो डरो, डरो और देखो
अन्धविश्वास में विश्वास, कमज़ोर लोग करते है
रश (2012)
इस दुनिया में अगर तुम सच धीरे से बोलोगे तो कोई नहीं मानेगा और अगर झूठ, झूठ चिल्ला चिल्ला कर बोलोगे तो सब मान जाते है
यस बॉस (1997)
ज़िन्दगी का दूसरा नाम प्यार है, प्यार का नाम तुम हो, तुम मेरी ज़िन्दगी का पहला प्यार हो
बाप नम्बरी बेटा दस नम्बरी (1990)
मैनु दिल्ली नहीं ले जाना, मेरा चित्ता सिंघासन यहीं बनाना, मेरा मुँह दुश्मन वार रखना जब मैनु आग लगाना, हमने नहीं सीखा दुश्मन को पीठ दिखाना, मेरे शाश्त्र मेरे सुलाना, अमृत कंडे तार दा मेरे मुँह विच पाना, बोले सो निहाल दा नारा लगाना, मैं मरकर भी लडूंगा, मेरा भोग ना पाना
केश, काच, कडा, किरपाण, कंघा, सिखों का निशान, ढूढंते रह जाओगे नक़्शे में पाकिस्तान
मज़लूमों के लिए ढाल है हम, दुश्मनों के लिए काल है हम, आवाज़ से दुनिया थर्राये, वो गुरु गोबिंद सिंह के लाल है हम
सूरा सो पहचानिये, जो लड़े दीन के हेठ, पुर्जा पुर्जा कट मरे, कबु ना छोड़े खेत
बॉर्डर हिन्दुस्तान का (2003)
बल्लेबाज़ों की जगह गुल्ली डण्डा खेलने वाले भी भर्ती करले अपने टीम में, तो भी फरक नहीं पड़ेगा जानी
एक ही सिक्सर से सेंचुरी नहीं बनती, बार बार लगाने पड़ते है
अव्वल नंबर (1990)
अगर लड़की हाँ बोले ना तो छोड़ना नहीं, और अगर ना बोले तो छेड़ना नहीं
एक था राजा (1996)
मैं जब भी कोई खेल खेलता हूँ, हमेशा उसका एक पत्ता बाहर छोड़कर आता हूँ
सुरक्षा (1995)
बड़ा प्यारा है प्यारे ये लड़की का चक्कर, नहीं मिली तो शायर, मिल गयी तो शौहर
क़ातिल (1988)
हम बिजनेसमैन किसी को मारते है तो बिज़नेस के लिए और किसी को ज़िंदा रखते है तो बिज़नेस के लिए
तरकीब (2000)
उस कमीने को मैं ढूंढ़कर ऐसी सजा दूंगा, की उस सजा के नाम से मौत तक काँप उठेगी
जीवन दाता (1991)
जब जानवर को खून का चाट लग जाये और गरीब को अमीरी का मज़ा मिल जाये, तो फिर बात से नहीं, हाथ से ही इलाज कियाजाता है
मेरे फैसले से अपने हैरान और दुश्मन वीरान होते है
मेरे जिस्म पर अगर ज़ख्म हो जाये ना, तो मैं उसे मरहम नहीं लगाता, उसे खरोचकर ही फेंक देता हूँ
गौतम गोविंदा (2002)
इस रिवाल्वर की छह की छह गोलियाँ तेरे सीने में मौत की कील बनाकर ठोक दूँगा
दुश्मन देवता (1991)
कुछ नासूर इतने घिनौने होते है की आदमी उनका दर्द तो सह सकता है, मगर उन्हें किसी को दिखा नहीं सकता
मिलेट्री राज (1998)

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