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रजनीकान्त के डायलॉग्स - Rajinikanth All Dialogues in Hindi

Rajinikanth Dialogues

Rajinikanth All Dialogues in Hindi / Shivaji Rao Gaekwad, known by his mononymous stage name Rajinikanth, is an Indian film actor who works primarily in Tamil cinema. He began acting in plays while working in the Bangalore Transport Service as a bus conductor. In 1973, he joined the Madras Film Institute to pursue a diploma in acting. Following his debut in K. Balachander's Tamil drama Apoorva Raagangal (1975), his acting career commenced with a brief phase of portraying antagonistic characters in Tamil films.

रजनीकान्त के डायलॉग्स - Rajinikanth All Dialogues in Hindi

झुण्ड में तो सूवर आते है, शेर अकेला ही आता है
शिवाजी - द बॉस (2007)
मैं दिखता एक इंसान हूँ पर हूँ एक मशीन
अगर खुद सामने आ गए तो बिना दर्द की मौत दूंगा और अगर मैंने तुम्हे पकड़ा तो वो मौत बड़ी खतरनाक होगी
मनुष्य की बनायीं हुई दो ही चीज़ कमाल की है, एक मैं दूसरी तुम
किस लिए लड़े जंग, किस लिए है ये हत्यार.....दुश्मनो को भी बना दे दोस्त, ऐसा है ये प्यार
रोबोट (2010)
कानून इतना मैला है की उसे अपने हाथ में लेकर मैं अपना हाथ गन्दा करना चाहता भी नहीं
अँधा कानून (1983)
जिस तरह ज़मीन पर पैर रखे बगैर इंसान चल नहीं सकता, उसी तरह मुजरिम कानून से भाग सकता है लेकिन बच नहीं सकता
हम (1991)
शरीफो को लूटना बेईमानी होती है और बेईमानों को लूटना चालाकी
असली नक़ली (1986)
सर झुकाकर, जी मालिक बोलकर खड़ा हो जाता है.....ऐसा कबाली समझा है क्या, कबाली है ये!
सपने में चाहे जितनी भी तकलीफ़े हो, आँख खुलते ही साडी तकलीफे मिट जाती है
कबाली (2016)
मैं किसी काम में उतर गया तो पूरा किये बिना नहीं छोड़ता और ना होने वाला काम लेता ही नहीं
आँख, कान, नाक, मुँह, दिल, दिमाग, हाथ, पैर ये सारे पुर्ज़े मिलकर जिस काम पर मेहनत करते है, उस ही को चोरी कहते है
लिंगा (2014)
हर एक आशिक़ के दिल में दर है अपना की हर माशूक़ अब दिलबर है अपना, हथेली पर लिए फिरते है सर हम, हसीनो के दिलों में घर है अपना
इंसानियत के देवता (1993)
आज के बाद किसी ईमानदार अफसर को बईमान बनाने की कोशिश मत करना वर्ना किसी दिन किसी ईमानदार अफसर की खोपड़ी घूम गयी तो वो सारी की सारी गोलियां तेरी खोपड़ी के आर-पार कर देगा
फूल बने अंगारे (1991)
हर पैदा होने वाले को मरते वक़्त कफ़न पहनाना पड़ता है, वैसे ही हर काले धंधे करने वाले को हथकड़ी पहनानी पड़ती है
गिरफ्तार (1985)

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