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सनी देओल के डायलॉग्स - Sunny Deol All Dialogues in Hindi

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Sunny Deol Dialogues

सनी देओल के डायलॉग्स - Sunny Deol All Dialogues in Hindi

दामिनी (1997)

जब ये ढाई किलो का हाथ किसी पे पड़ता है ना, तो आदमी उठता नहीं, उठ जाता है
तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख मिलती रही है, लेकिन इंसाफ नहीं मिला माय लॉर्ड, इंसाफ नहीं मिला, मिली है तो सिर्फ ये तारीख
ऐसे खिलोने बाजार में बहुत बिकते है ... मगर इसे खेलने के लिए जो जिगर चाहिए ना ... वो दुनिया के किसी बाजार में नहीं बिकता ... मर्द उसे लेकर पैदा होता है
मैदान में खुले शेर का सामना करोगे ... तुम्हारे मर्द होने की गलतफमी दूर हो जाएगी
जज आर्डर आर्डर करता रहेगा... और तू पीटता रहेगा

घातक (1996)

डराकर लोगो को वो जीता है, जिसकी हड्डियों में पानी भरा होता है
मर्द बनने का इतना शौक है, तो कुत्तो का सहारा लेना छोड़ दे
ये मज़दूर का हाथ है, लोहा पिघलाकर उसका आकार बदल देता है
पिंजरे में आकर शेर भी कुत्ता बन जाता है
इस लडाई में या तो हमारी पूरी जीत होगी ... या पूरी हार

खेल

झूठ और फरेब से जो जीती भी ऊंचाई पे खड़ा होता है ... उसे एक दिन उतना ही नीचे देखना पड़ता है

जो बोले सो निहाल

मर्द मरता है तो अपनी आंखें तिरंगे की तरफ करके मरता है... और ये सोचता है की फिर से देश के लिए कब जन्म हूं
No if no but ...सिर्फ जट

ग़दर - एक प्रेम कथा

हमारा हिंदुस्तान जिंदाबाद था, जिंदाबाद है, और जिंदाबाद रहेगा!
अगर मैं अपने बीवी बच्चों के लिए सर झुका सकता हूं ... तो मैं सबके सर काट भी सकता हूं
एक कागज पर मोहर नहीं लगेगी ... तो क्या तारा पाकिस्तान नहीं जाएगा?
बरसात से बचने की हैसियत नहीं... और गोली बारी की बात कर रहे हैं आप लोग
आगर आज ये जट बिगड़ गया ... तो सैकड़ो को ले मरेगा

सिंह साब द ग्रेट

बाली हमेश बकरे की दी जाति है ... शेर की नहीं

डिशक्याऊं

मरते हुए को कभी रुकने का नहीं ... दुश्मन गलती करे तो टोकने का नहीं ... और यार की आइटम को कभी छूने का नहीं
आदमी बड़ा हो या छोटा, कोई फरक नहीं पड़ता ... बस उसकी कहानी बड़ी होनी चाहिए

जीत

इन हाथों ने सिरफ हाथयार छोड़े हैं... चलना नहीं भूले
आज के बाद तेरी हर सांस के पीछे मैं मौत बनकर खड़ा हूं
लाशें बिचा दूंगा लाशें!

इंडियन

चाह हम में एक वक्त की रोटी न मिले, बदन पे कपड़े न हो, सर पे छत ना हो ... लेकिन जब देश की आं की बात आती है ... तब हम जान की बाजी लगा देते हैं
हम हाथ मिलाना भी जाते हैं, हाथ उखाड़ना भी ... हम गांधीजी को भी पूजते हैं, चंद्र शेखर आजाद को भी ... मैं भी पहले प्यार से समझाता हूं, फिर हाथ से

घायल

जख मारती है पुलिस, उतर कर फेंक दो ये वर्दी और पेहन लो बलवंत राय का पत्ता अपने गले में... तुम कमीनों
आने वाले चौबिस घंटो में तुम्हारे चौबिस टुकड़े करके... हर टुकड़े का अलग अलग अंतिम संस्कार करुंगा
रिश्वतखोरी और मक्कारी ने तुम लोगों के जिस्म में मां के दूध के असर को खतम कर दिया है
अंधे बहरों का शहर है ये ... पत्थर है ये सब के सब ... यहां तो बस सर फोड़ा जा सकता है
मैं तेरा वो हशर करूंगा ... के तुझे अपने पहड़ा पैदा पर अफ़सोस होगा

बॉर्डर

जिंदगी का दूसरा नाम प्रॉब्लम है
हम ही हम है तो क्या हम है... तुम ही तुम हो तो क्या तुम हो
इससे पहले की मैं तुझे गद्दार कर देकर गोली मार दूं ... भाग जा यहां से

ज़िद्दी

पांच बजे के बाद देवा की अदालत शुरू होती है

माँ तुझे सलाम

सर, आप अपनी फॉर्मेलिटी पूरी किजिये... मैं अपनी ड्यूटी पूरी करता हूं

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