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अमिताभ बच्चन के डायलॉग्स - Amitabh Bachchan All Dialogues in Hindi

Amitabh Bachchan Dialogues

Amitabh Bachchan All Dialogues in Hindi / अमिताभ बच्चन एक भारतीय फिल्म अभिनेता है। 1970 के दशक के दौरान उन्होंने बड़ी लोकप्रियता प्राप्त की और तब से भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे प्रमुख व्यक्तित्व बन गए हैं।

अमिताभ बच्चन के बेहतरीन डायलॉग्स - Amitabh Bachchan Dialogues in Hindi

दुश्मन से अगर फायदा हो, तो उसको अपना दोस्त बना लो
विजय दीनानाथ चौहान...पूरा नाम, बाप का नाम दीनानाथ चौहान, माँ का नाम सुहासिनी चौहान, गांव मांडवा, उमर छत्तीस साल, नौ महीना, आठ दिन, ये सोलहवाँ घंटा चालू है
सवाल जिस ज़बान में किया जाये, जवाब उस ही ज़बान में देना चाहिए
इस दुनिया में तरक्की करने के लिए, ना बोलना बहुत ज़रूरी है
अग्निपथ (1990)
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आज इतनी भी मैसिर नहीं मैखाने में, जितनी हम छोड़ दिया करते थे पैमाने में
शराबी (1984)
हम जहा खड़े हो जाते है लाइन वही से शुरू होती है
कालिया (1981)
मुझे जो सही लगता है मैं करता हूँ, वो चाहे भगवान के खिलाफ हो, समाज के खिलाफ हो, पुलिस, कानून...या फिर पूरे सिस्टम के खिलाफ क्यों ना हो
सरकार (2005)
डॉन का इंतज़ार तो ग्यारह मुल्कों की पुलिस कर रही है
डॉन (1978)
मैं आज भी फेंके हुये पैसे नहीं उठाता
आज खुश तो बहुत होंगे तुम?
दीवार (1975)
रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते है, नाम है शहंशाह
शहंशाह (1988)
जब तक बैठने को ना कहा जाये शराफत से खड़े रहो...ये पुलिस स्टेशन है, तुम्हारे बाप का घर नहीं
ज़ंजीर (1973)
ज़िन्दगी में लोग मोहब्बत के सहारे जीते है, मैं आपकी नफ़रत के सहारे जीऊंगा
मुक़द्दर का सिकंदर (1978)
हर बड़ी कामयाबी के पीछे, एक बहुत बड़ा बलिदान होता है
मोहब्बतें (2000)
फूल खामोश रहकर भी अपने रंग और खुशबू से बहुत कुछ कह जाते है
सिलसिला (1981)
तुम्हारा नाम क्या है बसंती ?
शोले (1975)

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